हम हमेशा खड़े हैं अपने व्यापारियों और उद्यमियों के साथ: मुख्यमंत्री

 

 

 

विश्व प्रसिद्ध कालीन नगरी भदोही के शिल्प व शिल्पकारों को बढ़ावा देने के लिए आयोजित हुआ अन्तर्राष्ट्रीय कालीन मेला

 

रिपोर्टर - के के उपाध्याय 

 

भदोही, उजाला सिटी। हस्तनिर्मित कालीन की सांस्कृतिक विरासत एवं शिल्प और शिल्पकारों को बढ़ावा देने के लिए कालीन निर्यात सवर्धन परिषद (सीईपीसी) एवं जिला प्रशासन द्वारा कार्पेट एक्सपो मार्ट में चार दिवसीय (11-14 अक्टूबर) 49वें इंडिया कार्पेट एक्सपो का

चौथे अन्तर्राष्ट्रीय कालीन मेला का आयोजन किया।

इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 10 लाभार्थियों को विभिन्न योजनाओं का हितलाभ वितरण कर, महिला उद्यमियों, कालीन निर्यातकों व बायर्स से संवाद किया। कालीन के विकास के विभिन्न बिंदुओं पर बल दिया गया।  

इस दौरान मुख्यमंत्री ने आइडियल कार्पेट लिमिटेड स्टॉल का अवलोकन किया। जहां पर निर्यातक ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री की आकृति युक्त कालीन सीनरी की विशेषताओं से अवगत कराया। ग्लोबल ओवरसीज के स्टॉल पर संजय गुप्ता ने मुख्यमंत्री को पार्जिमों कालीन की विशेषता बताते हुए बुलडोजर व जय श्रीराम अंकित सीनरी कालीन को दिखाया। टैपिच डी ऑरियंटा पर स्टॉल पर खड़ी एक छोटी बच्ची वान्या को मुख्यमंत्री ने प्यार व दुलार किया। तत्पश्चात् मागने पर उन्होंने अपना ऑटोग्राफ भी दिया। इसी क्रम में एक अन्य स्टॉल पर राम मंदिर सीनरी कालीन उद्यमी ने दिखाया। एक अन्य स्टॉल पर प्रसिद्ध नेचूरल जूट से निर्मित पेटलूम व बैठने के लिए पुफ्स व आदि की विशेषता बताते हुए जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने अन्य कई स्टॉलों का अवलोकन करते हुए कालीन की विविधता पूर्ण वेरायटी व उनकी विशेषता, निर्माण पद्वति, अन्तर्राष्ट्रीय डिमांड व सप्लाई संबंधित विभिन्न आयामों पर जानकारी ली। जिला कारागार द्वारा स्टॉल ताना-बाना हस्तनिर्मित कालीन पर जेल में निरूद्ध कुशल बंदियों द्वारा तैयार किए गए विशिष्टता युक्त कालीनों मिशन शक्ति, सीता समाहित स्थल, सीतामढ़ी, जय श्रीराम आदि का मुख्यमंत्री ने अवलोकन कर बंदी बुनकरों के कुशल व उत्कृष्ट हुनर कार्यो की सराहना किया। कारागार अधीक्षक अभिषेक सिंह ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि ओडीओपी योजना के अंतर्गत 10 दिवसीय बंदियों को प्रशिक्षण एवं टूलकिट का वितरण के साथ ही कारागार के अन्दर 4 टफ्टेड व 11 नॉटेड लूम की स्थापना किया गया है। कालीन विक्रय उपरांत प्राप्त लाभ से बंदियों को पारिश्रमिक भुगतान किया जाता है। मुख्यमंत्री ने काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय को विश्वविद्यालय बनाए जाने की भी बात कही।

इस मौके पर सांसद डॉ.विनोद कुमार बिंद, जिला पंचायत अध्यक्ष अनिरुद्ध त्रिपाठी, विधायक दीनानाथ भास्कर, विपुल दूबे, नागेन्द्र रघुवंशी, दीपक मिश्र, सीईपीसी चेयरमैन कुलदीप राज वाटल, विकास आयुक्त अमृत राज, मंडलायुक्त बालकृष्ण त्रिपाठी, डीएम शैलेष कुमार, सीईपीसी के सीओए सदस्य अनिल सिंह, सूर्यमणि तिवारी, असलम महबूब, इम्तियाज अहमद, रोहित गुप्ता, शेख आशिक अहमद, महावीर प्रताप शर्मा, बोधराज मल्होत्रा आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहें।