प्रसिद्ध शायर , पत्रकार और अदीब डॉक्टर तारिक़ क़मर पर पीएच.डी.

क़स्बा सिरसी के काशिफ़ रज़ा को मिली डॉक्टरेट की डिग्री 

 

संभल,उजाला सिटी। संभल, क़स्बा सिरसी का शुमार उन इल्मी और अदबी बस्तियों में किया जाता है जिन्होंने अतीत से लेकर आज तक हर दौर में इल्म और अदब की परवरिश में अहम किरदार अदा किया है और जहाँ के क़लमकारों ने पूरी दुनिया में अपनी बरतरी को तस्लीम करवाया है। इसी सिलसिले की एक और अहम कड़ी की शक्ल में जनाब काशिफ़ रज़ा का नाम भी जुड़ गया है। काशिफ़ रज़ा ने उर्दू में पीएच.डी. पूरी करके अपना नाम भी सिरसी , संभल और क़रीबी हलक़ों के डॉक्टरों की फ़ेहरिस्त में दर्ज करा लिया है। उन्होंने अपना शोधकार्य तहक़ीक़ी मक़ाला संभल के मशहूर व मारूफ़ शायर, सहाफी और नस्र निगार जनाब डॉक्टर तारिक़ क़मर के इल्मी, अदबी और फ़नी जहात पर राजस्थान के अलवर स्थित यूनिवर्सिटी के शौबा-ए-उर्दू के सरबराह प्रोफेसर सैयद आसिफ़ ज़करिया की निगरानी व सरपरस्ती में मुकम्मल किया। डॉक्टर काशिफ़ रज़ा की तहक़ीक़ का मौज़ू “जदीद ग़ज़ल ओ नज़्म की सम्त ओ रफ़्तार और तारिक़ क़मर” था।

वाज़ेह रहे कि डॉक्टर तारिक़ क़मर की शख्सियत एक बेहतरीन शायर व अदीब की हैसियत से आलमी सतह पर अपनी मुनफ़रिद व मुमताज़ पहचान रखती है। चार शेरी मजमूओं समेत मुख़्तलिफ़ मौज़ूआत पर डॉक्टर तारिक़ क़मर की अब तक दस किताबें शाया हो चुकी हैं। वे संभल के एक निहायत मुफ़्तख़र, मुहज़्ज़ब और इल्मी खानवादा-ए-सादात से ताल्लुक़ रखते हैं। 

और संभल के डॉ नसीम साहब को अपना गुरू मानते हैं । इससे क़ब्ल भी डॉक्टर तारिक़ क़मर की शख्सियत और उनके फ़नी जहात पर मअरूफ़ अदीबा व ज़ाकिरा मुहतर्मा डॉक्टर किश्वर जहाँ ज़ैदी ने एक ज़खीम किताब ब -उनवान “गंगा-जमुना के साहिलों पर डॉक्टर तारिक़ क़मर” तसनीफ़ की थी। इल्मी व अदबी दुनिया में इस किताब को बहुत पसंद किया गया था -

डी.लिट. और पीएच.डी. की अहम डिग्रियाँ हासिल करने वाले डॉक्टर तारिक़ क़मर तीन विषयों — उर्दू, अंग्रेज़ी और जर्नलिज़्म में भी मास्टर्स डिग्रियाँ हासिल कर चुके हैं। सिर्फ़ इतना ही नहीं, उन्होंने एक बेहतरीन उर्दू सफ़ीर, शायर व अदीब की हैसियत से बीस से ज़्यादा मुल्कों में हिंदुस्तान की मौतबर नुमाइंदगी की है। वे इस समय एम.एन.सी. मीडिया कम्युनिकेशन के अंग्रेज़ी शोबे में अहम सहाफ़ती ज़िम्मेदारियाँ भी अदा कर रहे हैं और इल्मी व अदबी ख़िदमात भी अंजाम दे रहे हैं।

काशिफ़ रज़ा की पीएच.डी. मुकम्मल होने पर सिरसी और आस पास के इल्मी व अदबी हलक़ों में ख़ुशी की लहर दौड़ गई है और लोग उन्हें मुबारकबाद पेश कर रहे हैं। हम भी इदारे की जानिब से जनाब डॉक्टर काशिफ़ रज़ा को इस बेहतरीन तहक़ीक़ी मक़ाले के लिए मुबारकबाद पेश करते हैं।