उजाला सिटी न्यूज़
दिल्ली
नई दिल्ली
19/12/2025
नई दिल्ली,उजाला सिटी । महिलाओं के प्रति अपमानजनक एवं जातिगत विद्वेष फैलाने वाले बयान के विरोध में जंतर-मंतर पर राष्ट्रीय परशुराम परिषद का विशाल शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन में पंडित सुनील भराला ने कहा कि बेटियों का अपमान बर्दाशत नहीं। राष्ट्रीय परशुराम परिषद के तत्वावधान में दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर महिलाओं के प्रति अपमानजनक टिप्पणी एवं समाज में जातिगत विद्वेष फैलाने वाले बयान के विरोध में एक विशाल एवं शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन आयोजित किया गया। यह धरना संतोष वर्मा द्वारा महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुँचाने तथा समाज में जातिगत विद्वेष फैलाने वाले आपत्तिजनक वक्तव्यों के विरोध में आयोजित किया गया। परिषद का स्पष्ट मत है कि किसी भी जिम्मेदार पद पर आसीन व्यक्ति द्वारा इस प्रकार की भाषा का प्रयोग न केवल महिलाओं का अपमान है, बल्कि यह सामाजिक समरसता, संवैधानिक मूल्यों और राष्ट्रीय एकता के विरुद्ध है।
इस धरना-प्रदर्शन का नेतृत्व पंडित अश्विनी कुमार चौबे (पूर्व मंत्री, भारत सरकार) एवं पंडित सुनील भराला जी (संस्थापक संरक्षक, राष्ट्रीय परशुराम परिषद एवं नि. राज्य मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार) ने किया।
दिल्ली प्रदेश राष्ट्रीय परशुराम परिषद के द्वारा जंतर-मंतर पर आयोजित एक दिवसीय धरना शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। धरने में मुख्य अतिथि के रूप में माननीय पंडित सुनील भराला जी, मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार एवं संस्थापक राष्ट्रीय परशुराम परिषद उपस्थित रहे।
अपने संबोधन में पंडित सुनील भराला जी ने कहा कि आज महिलाओं के सम्मान की रक्षा के लिए महाराणा प्रताप और रानी लक्ष्मीबाई के शौर्य की तरह संघर्ष करना आवश्यक है। उन्होंने गुरु गोबिंद सिंह जी की परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि नारी सम्मान हमारी संस्कृति का मूल है और इसके विरुद्ध कोई भी टिप्पणी अस्वीकार्य है।
पंडित सुनील भराला ने संतोष वर्मा द्वारा ब्राह्मण समाज की बेटियों के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणी की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इस प्रकार के बयान पूरे देश में जातीय वैमनस्य फैलाने का कार्य करते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि जिस घर से महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुँचाने वाला व्यक्ति निकलेगा, उसके विरोध में हर घर से एक वीर खड़ा होगा।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि संबंधित व्यक्ति PCS अधिकारी रहते हुए महिला से जुड़े दुराचार के गंभीर मामले में संलिप्त रहा, इसके बावजूद उसे IAS पद जैसा महत्वपूर्ण दायित्व दिया गया, जो व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है। उन्होंने ऐसे व्यक्ति को अधिकारी के वेश में भेड़िया बताते हुए इसे देशद्रोह समान कृत्य करार दिया।
पौराणिक संदर्भ देते हुए पंडित सुनील भराला जी ने कहा कि जैसे त्रेता और सतयुग में भगवान परशुराम ने अधर्म का विनाश किया था, वैसे ही आज समाज को भी ऐसे अधर्मी और पाखंडी तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी होगी।
अंत में उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह धरना प्रधानमंत्री तक अपनी बात पहुँचाने का माध्यम है और जब तक दोषी के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई नहीं होती, तब तक राष्ट्रीय परशुराम परिषद का संघर्ष जारी रहेगा।
माननीय अश्विनी कुमार चौबे का वक्तव्य
देश की राजधानी दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर आयोजित इस कार्यक्रम ने पूरे राष्ट्र का ध्यान आकर्षित किया है। यह आयोजन परशुराम शक्ति के मंच से किया गया, जिसमें बेटियों और मातृशक्ति की निर्णायक भूमिका रही। ऐसे संवेदनशील विषय पर आवाज़ उठाकर पूरे देश को जागरूक करने का कार्य किया गया है।
इस जनआंदोलन में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने भी सहभागिता निभाई। विशेष रूप से बिहार से माननीय अजय कुमार झा जी ने इस सामाजिक दायित्व को पूरी निष्ठा और मजबूती के साथ निभाया।
आज कुछ ऐसे पदाधिकारी हैं, जिन्हें ज्ञान और जिम्मेदारी मिलने के बाद भी सनातन धर्म को तोड़ने और महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुँचाने का प्रयास किया जा रहा है। यह न केवल निंदनीय है, बल्कि राष्ट्र की सांस्कृतिक आत्मा पर आघात है।
हम “घर-घर परशु, हर घर गीता, गंगा, गौ और गायत्री माता – जय-जय भारत माता” जैसे पवित्र और सकारात्मक मूल्यों के साथ समाज को जोड़ने का आह्वान करते हैं। हम परशुराम जी के वंशज हैं और संपूर्ण समाज को यह विश्वास दिलाना चाहते हैं कि समाज को एकजुट रखने का कार्य सदैव ब्राह्मण समाज ने किया है।
ब्राह्मण कोई धर्म नहीं, कोई जाति नहीं, बल्कि एक संस्कार है, जो सबको साथ लेकर चलने की प्रेरणा देता है।
हिंदुस्तान नारी के अपमान को कभी स्वीकार नहीं करेगा।
नारी केवल उपभोग की वस्तु नहीं है।
जहाँ नारी का सम्मान होता है, वहीं लक्ष्मी का वास होता है।
धरना-प्रदर्शन में सुनील दत्त शर्मा (कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय परशुराम परिषद), अजय भारद्वाज (राष्ट्रीय अध्यक्ष, परशुराम स्वाभिमान सेना), रजनीश त्यागी जी (दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष, राष्ट्रीय परशुराम परिषद), पंडित अनुराग गौड़
प्रदेश संयोजक परशुराम स्वाभिमान सेना उत्तर प्रदेश
सोनू पंडित अध्यक्ष पश्चिमी उत्तर प्रदेश परशुराम सेना
मोंटी राजपूत जिला मंत्री मेरठ परशुराम स्वाभिमान सेना ,विशाल भारद्वाज जी, नीलम पांडेय जी, श्री जीवनन्द शर्मा जी (राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं प्रदेश अध्यक्ष, जम्मू-कश्मीर) तथा निक्की पंडित बागपत संदेश शर्मा बागपत समस्त टीम के साथ रहे आयुष शर्मा शराफ, सौरभ शर्मा (हापुड़) सहित अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी, संत-महात्मा, सामाजिक कार्यकर्ता एवं बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित रहे।
इस आंदोलन में देश के विभिन्न राज्यों से सैकड़ों की संख्या में लोगों ने भाग लिया और एक स्वर में महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध की गई टिप्पणी की कड़ी निंदा करते हुए दोषी व्यक्ति के विरुद्ध तत्काल गिरफ्तारी एवं कठोर कानूनी कार्रवाई की मांग की।
वक्ताओं ने कहा कि महिलाओं का सम्मान किसी भी सभ्य समाज की बुनियाद है। ऐसे बयान समाज में नफरत और विभाजन को बढ़ावा देते हैं। राष्ट्रीय परशुराम परिषद ने दो टूक कहा कि “बेटियों के सम्मान से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।”
प्रमुख माँगें :
• महिलाओं के प्रति अपमानजनक एवं जातिगत विद्वेष फैलाने वाले बयानों पर तत्काल कार्रवाई
• संतोष वर्मा के विरुद्ध निष्पक्ष जाँच कर दोष सिद्ध होने पर कड़ी से कड़ी सजा
• शासन-प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि भविष्य में कोई भी पदाधिकारी इस प्रकार का बयान न दे
• समाज को स्पष्ट संदेश दिया जाए कि महिला सम्मान सर्वोपरि है
परिषद ने स्पष्ट किया कि यह धरना केवल विरोध नहीं, बल्कि समाज, शासन और प्रशासन के लिए एक चेतावनी है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।