उजाला सिटी न्यूज़
उत्तर प्रदेश
लखनऊ
19/10/2025
संस्था के संस्थापक विपिन शर्मा ने कहा कि दीपावली का असली अर्थ केवल दीप जलाना नहीं, बल्कि प्रेम, सद्भाव और एकता के दीप अपने हृदयों में प्रज्वलित करना है। उन्होंने प्रदेशवासियों से करुणा और संवेदना के दीप जलाकर मानवता को आलोकित करने की अपील की।
लखनऊ,उजाला सिटी। दीपावली का अर्थ केवल घरों में दीप जलाना नहीं, बल्कि किसी के जीवन में आशा का दीप जलाना है। इसी मानवीय भावना को साकार करते हुए प्रेरणास्रोत बाबा नीम करौली जी की कृपा से इण्डियन हेल्पलाइन सोसाइटी (पंजी.) द्वारा संचालित बृज की रसोई ने आशियाना, लखनऊ में जरूरतमंदों, निर्धनों एवं नन्हे बच्चों व बजुर्गों के बीच नि:शुल्क भोजन वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया।
वहीं विकास पाण्डेय ने बताया यह सेवा कार्यक्रम संस्था एवं स्वयंसेवकों के निःस्वार्थ सहयोग से संपन्न हुआ। आशियाना क्षेत्र के चिन्हित स्थानों पर आयोजित इस भोजन वितरण में जब नन्हे बच्चों के चेहरों पर भोजन पाकर मुस्कान खिली, तो वातावरण दीपावली के असली उजास से भर उठा। हर थाली में केवल अन्न नहीं, बल्कि प्रेम, करुणा और अपनत्व का प्रसाद परोसा गया।
संस्था के सदस्य संजय श्रीवास्तव ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य अकिंचन, निराश्रित, असहाय बच्चों और बुजुर्गों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना तथा उन्हें समाज के स्नेह और अपनत्व का अनुभव कराना है।
संस्था के संस्थापक विपिन शर्मा ने भोजन वितरण के दौरान अत्यंत भावुक शब्दों में कहा
दीपावली तभी पूर्ण होती है जब किसी की थाली में अन्न हो, किसी माँ की आँखों में संतोष हो, और किसी बच्चे के चेहरे पर मुस्कान। दीप जलाने से पहले यदि हम किसी की भूख बुझा सकें, तो वही सच्ची दीपावली है क्योंकि सेवा ही सबसे सुंदर पूजा है।
उन्होंने आगे समस्त प्रदेशवासियों को रामोत्सव एवं दीपोत्सव के इस पावन अवसर पर प्रेम, सद्भाव और एकता का संदेश देते हुए हार्दिक शुभकामनाएँ प्रेषित कीं।उन्होंने कहा कि यह पर्व केवल प्रकाश का नहीं, बल्कि मनुष्य के भीतर करुणा और संवेदना जगाने का पर्व है जो हमें एक-दूसरे के दुःख में सहभागी बनने की प्रेरणा देता है।
संस्था के सदस्य दीपक भुटियानी ने बताया कि मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है का संदेश लेकर भोजन वितरण कार्य सेक्टर–एम रिक्शा कॉलोनी, रतन खंड पार्क, डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के निकट झुग्गी-झोपड़ियाँ, निर्माणाधीन भवनों में कार्यरत श्रमिकों के अस्थायी निवास, नगर निगम जोन-8 की मलिन बस्तियाँ तथा रतनखंड पानी टंकी क्षेत्र सहित कई स्थानों पर संपन्न हुआ।
अनुराग दुबे ने बताया कार्यक्रम में बड़ी संख्या में समाजसेवी, स्थानीय नागरिक एवं युवा स्वयंसेवक शामिल हुए। सभी ने मिलकर यह संकल्प लिया कि भूख मिटाने का यह अभियान केवल त्यौहारों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि निरंतर सेवा यात्रा के रूप में चलता रहेगा।
आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि बृज की रसोई के माध्यम से प्रत्येक रविवार सैकड़ों जरूरतमंदों तक निःशुल्क भोजन पहुँचाया जा रहा है, ताकि कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए। कार्यक्रम के दौरान स्वयंसेवकों ने प्रेमपूर्वक आलू मटर की सब्जी, चावल का वितरित किया। लगभग 1450 जरूरतमंदों ने इस सेवा का लाभ प्राप्त किया।
कार्यक्रम में पंकज राय, संजय श्रीवास्तव, दीपक भुटियानी, आशीष श्रीवास्तव, विकास पाण्डेय, मुकेश कनौजिया, अनुराग दुबे, दिनेश पाण्डेय, नवल सिंह, अथर्व श्रीवास्तव और मिष्ठी श्रीवास्तव सहित अनेक समाजसेवियों ने सक्रिय योगदान दिया।
दीपों के इस पावन पर्व पर बृज की रसोई ने यह प्रेरणादायक संदेश दिया कि सच्ची दीपावली वही है, जब किसी का पेट भर जाए और किसी की आँखों में उम्मीद का दीप जल उठे।