वरिष्ठ कवि राजेश शलभ की गीता-काव्यामृत (भाग-2 व 3 ) का लोकार्पण

लखनऊ,उजाला सिटी। राजधानी की साहित्यिक ,सांस्कृतिक और सामाजिक संस्था बिम्ब कला केन्द्र के तत्वावधान में वरिष्ठ कवि राजेश अरोरा शलभ की 20वीं व 21 वीं कृति गीता-काव्यामृत (भाग 2 व भाग 3 ) का लोकार्पण उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के निराला सभागार में सभाध्यक्ष और उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष उदय प्रताप सिंह, व्यंग्यकार सूर्यकुमार पांडेय व श्याम मिश्र ,उ.प्र. राज्य वित्त आयोग के पूर्व सदस्य जगदेव सिंह ,यूपीडीडी के कार्यक्रम प्रमुख आत्म प्रकाश मिश्र एवं गीता साधक अम्बिका प्रसाद मिश्र द्वारा किया गया । दीप प्रज्वलन व नीलिमा दत्त द्वारा वाणीवंदना के पश्चात विश्व ख्यातिप्राप्त भजन गायक अनूप जलोटा के स्वर में एक वीडियो के माध्यम से पुस्तक के कर्मयोग अध्याय के कुछ मुक्तकों का गायन प्रस्तुत किया गया । बाद में अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि राजेश शलभ का यह कार्य हमेशा लोगों को याद रहेगा । कार्यक्रम का संचालन करते हुए आत्म प्रकाश मिश्र ने सबसे पहले कृतियों के रचनाकार को ही पुस्तक की भूमिका बतलाने का आग्रह किया । कवि शलभ ने बताया कि किस प्रकार मूलत: एक हास्य-व्यंग्य के कवि को गीता-काव्यामृत लिखने का विचार कैसे आया और क्यों इसे तीन भागों में प्रस्तुत किया गया । तत्पश्चात श्याम मिश्र और सूर्यकुमार पांडेय ने पुस्तक व कवि की रचनाधर्मिता पर अपने विचार व्यक्त किए। गीता साधक अम्बिका प्रसाद मिश्र ने इस कृति की विशेषताओं का उल्लेख किया और इसे एक असाधारण कृति बतलाया।प्रमुख वक्ता जगदेव सिंह ने इसे एक कालजयी कृति बतलाया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता डा. अनिल रस्तोगी अपरिहार्य कारणों से उपस्थित न हो सके परंतु उनका लगभग तीन मिनट का वक्तव्य एक वीडियो के माध्यम से स्क्रीन पर दिखलाया गया जिसमें उन्होंने शलभ को एक बहुआयामी व्यक्तित्व का धनी बतलाया जो हास्य ,व्यंग्य,गीत,ग़ज़ल, नाट्य लेखन और अब आध्यात्मिक लेखन में समान अधिकार रखते हैं ।डा.रस्तोगी ने कहा वे एक मधुर गायक भी हैं और सफल नाटककार भी । सभाध्यक्ष उदय प्रताप सिंह ने गीता के महत्व को रेखांकित करते हुए राजेश अरोरा शलभ को उनकी कृति गीता-काव्यामृत के तीनों भागों में सरल और गेय लेखन हेतु भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए बधाई दी और उनके विगत लगभग 6 दशकों से निरंतर लेखन पर आश्चर्यमिश्रित प्रसन्नता भी व्यक्त करी । 

कार्यक्रम का दूसरा सत्र कथक नृत्यांगना रतन सिस्टर्स ईशा-मीशा के गीतासार पर मनोहारी भाव नृत्य से हुआ जिसने दर्शकों की खूब तालियाँ बटोरीं । तत्पश्चात आकाशवाणी के ग्रेडेड गायक क्रमश: नीलिमा दत्त, मदन गोपाल ,पूजा गोपाल , दिनेश श्रीवास्तव व रज्जन लाल ने राजेश अरोरा शलभ की गीता-काव्यामृत के तीनों खंडों के चुनिन्दा सार मुक्तकों का अभूतपूर्व गायन कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया । अंत में इन सभी गायकों ने समवेत स्वरों में शलभ द्वारा लिखित 'गीता- गान' गाकर कार्यक्रम को चरमोत्कर्ष पर पहुँचा दिया । सम्पूर्ण सार मुक्तकों व "गीता-गान' का संगीत सुप्रसिद्ध संगीतकार केवल कुमार ने तैयार किया था ।की बोर्ड पर संजीव मेहरा ने संगत कर श्रेष्ठ प्रदर्शन किया । 

कार्यक्रम में विशेष आमंत्रित भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति डा. पूर्णिमा पांडेय, सुप्रसिद्ध संगीत निर्देशक व गायक केवल कुमार के अतिरिक्त चिन्मयानंद मिशन के रमेश मेहता , श्रीकांत अरोरा ,डा. आशु गोयल सहित बिम्ब कला केन्द्र के संरक्षक सदस्य, पदाधिकारीगण, व अन्य सदस्यों के साथ-साथ सहयोगी संस्थाओं लक्ष्य साहित्यिक संस्था व समर्थ फ़ाउण्डेशन के प्रतिनिधि तथा नगर के अनेक गणमान्य व्यक्ति भारी संख्या में उपस्थित रहे ।