पुलिस थाना जहानागंज में नियम व कायदे कानून की उड़ाई जा रही धज्जियां

रिपोर्टर - के के उपाध्याय 

 

आजमगढ़,उजाला सिटी । जनपद आजमगढ़ के थाना जहानागंज थाना क्षेत्र के ग्राम बोहना के मोहन सरोज द्वारा गत बीते बीस तारीख को थाने में एक प्राथना पत्र दिए कि उनकी बेटी बकरी बांधने अपने घर में जा रही थी उसी समय पीछे से उनके बगल का ही एक लड़का अनिल सरोज नाम का मोहन सरोज की लड़की के पीछे से जाकर उसे पकड़ लिया और छेड़खानी जैसा गलत हरकतें करने लगा तो मोहन सरोज की लड़की तेज तेज से चिल्लाई तो भाग कर मोहन सरोज और उनके परिजन मौके पर पहुंचे लड़का वहां से भाग कर अपने घर जाकर अपने परिजनों को जिसमें चमन सरोज राजकुमार सरोज सर्वेश सरोज आदि कई लोगों को लेकर आया और मोहन के घर पर ही मार पिटाई शुरू कर दिया और लड़की का हाथ पकड़ कर जबरिया ले जाने की कोशिश भी किया और लड़की को मारने पीटने लगा जिसमें मोहन की बेटी को काफी चोट आई मजबूर होकर पिता मोहन अपनी लड़की को लेकर थाने जाकर तहरीर दिए लेकिन इनकी सुनवाई होने के बजाय थाना प्रभारी महोदय द्वारा पीड़िता को और उसके पिता को थाने पर बैठा दिए बाहर परिसर में और उसके विपक्षियों को मेडिकल के लिए थाने के स्टाफ को भेज दिए मेडिकल कराने के लिए लेकिन जो पीड़ित पहले जाकर तहरीर और प्रार्थना पर दिया था उसको थाने पर ही बैठाए रखें प्रभारी महोदय और पीड़ित मोहन के पक्ष से एक प्रधान प्रत्याशी उसी ग्राम सभा के निहाल सिंह जी हैं वह मामले को सुनने के बाद थाने पर गए तो थाना प्रभारी महोदय उनके साथ गाली गलौज किए और उनके ड्राइवर को थप्पड़ भी मारे और गाली गलौज करके उनको भी जबरिया थाने में बैठा दिए तो क्या जो सामाजिक कार्य करने वाले लोग हैं यदि अपने ग्रामीण अंचल के लोगों का कोई मामला सुनकर कोई प्रकरण सुनकर थाने जाते हैं तो उनको भी थाने द्वारा मारपीट कर उन्हें बैठा दिया जाएगा क्या नियम कानून थानेदार अपने तरीके से लागू करेंगे और उससे भी बढ़कर स्थिति यह हुई कि दोनों पक्षों का 151 से संबंधित धाराओं में उपरोक्त थाना प्रभारी महोदय द्वारा चालान किया गया तो उसमें जो पीड़ित था और जो पक्ष मारा पीटा था दोनों का चालान किया गया तो मतलब क्या हुआ जो पीड़ित पक्ष जाकर थाने से मदद की उम्मीद रखा तो उसे मिला क्या और एक लड़की साथ छेड़खानी जैसी अभद्रता की जाए तो क्या उसका भी चालान होगा उसके परिजनों का भी चालान होगा हम दर्दी में जो पीड़ित पक्छ के लिए थाने जाएगा उसका भी चालान होगा क्या थाना ऐसे चलेगा या योगी सरकार में नियम और कानून को थानेदार अपने तरीके से पैदा करेंगे यही सख्त प्रशासन योगी माडल है भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा है यही बेटी पढ़ाओ बचाओ नारा है जिसे ऐसे भ्रष्ट थानेदार कुछ पैसे की लालच में अपने पैरों तले रौदी पड़े आमजनमानस को क्या न्याय मिलेगा कप्तान आजमगढ़ को पूरे मामले को अपने संज्ञान में लेते हुए विधिक जांच कर पीड़िता के साथ न्याय करते हुए दोषियों के खिलाफ शक्त से शक्त विधिक दंडात्मक कार्यवाही होनी चाहिए