उजाला सिटी न्यूज़
उत्तर प्रदेश
लखनऊ
03/01/2025
गुनगुनी धूप के साथ सांस्कृतिक मंच से कवि पाठ का आयोजन किया गया
लखनऊ,उजाला सिटी न्यूज़ । प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट एवं प्रगति इवेंट के संयुक्त तत्वाधान में सेक्टर ई कमर्शियल पैकेट ग्राउंड अलीगंज लखनऊ में चल रहे 17वें यूपी महोत्सव 2024–25 में दोपहर में खिली गुनगुनी धूप के साथ सांस्कृतिक मंच से कवि पाठ का आयोजन किया गया। वही शाम होते-होते सांस्कृतिक मंच से एक से बढ़कर एक मनभावन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से महोत्सव में लोगों का खूब मनोरंजन हुआ।
उदगार साहित्यिक मंच की संस्थापिका डॉक्टर चंद्रावती एवं अध्यक्ष वंदना सिंह द्वारा कवि सम्मेलन तथा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन मुख्य अतिथि के रूप में टाटा आरके वर्मा तथा महेश चंद्र वर्मा की गरिमामय उपस्थिति रही। मंच का संचालन डॉक्टर सरिता कटिहार एवं डॉ चंद्रावती ने किया। सुनील शुक्ला मैं अपने उत्कृष्ट रचनाएं और वाचन से सबको अपनी और आकर्षित किया, अर्चना गुप्ता आज और कल की तुलना करके अद्भुत ज्ञान का प्रचार किया, बाराबंकी से आए मोहन ने अपने व्यंग्य से ताज और खुशनुमा कर दिया सुधा चौधरी नवी अपने काव्य से लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा, अनीता चौधरी मैं अपनी सुंदर और मनमोहन आवाज से सभी का मन मोह लिया। कवि सम्मेलन में विशेष रूप से कब सिंह, अन्विता सिंह, वीरेंद्र सिंह, शाश्वत सिंह, शेफाली, खुशबू, संगीता यादव रहे। कवि सम्मेलन के अंत में डॉ चंद्रावती द्वारा नागा साधुओं पर एक सुंदर प्रस्तुति दी गई।
युपी महोत्सव के सांस्कृतिक मंच पर महावीर विद्या मंदिर इंटर कॉलेज कुर्सी रोड लखनऊ के बच्चों ने अद्भुत प्रस्तुतियां प्रस्तुत करके अपनी प्रतिभा का सफलतापूर्वक लोहा मनवाया। लक्ष्मी, कोमल, उर्वशी सुगम राजपूत, आराध्य शुक्ल, उन्नति उपाध्याय, यश शर्मा, शिफा नूर, तान्या, कौशिक, नंदिनी गुप्ता, आंचल सिंह, रूपाली रस्तोगी, स्नेहा रावत, अंजलि, प्रियंका गौतम, काजल, भूमि मिश्रा, सौम्या पांडे, समीक्षा डोला ने रे डोला, जैसी करनी वैसी भरनी, योद्धा बन गई मैं, बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ, महिला सशक्तिकरण और महाभारत पर आधारित नृत्य और संगीत के माध्यम से यूपी महोत्सव में अद्भुत छटा बिखेरी।
केजीएमयू की रिटायर आई सर्जन डॉ विनीता सिंह ने आज यूपी महोत्सव में भजन संध्या में: हे प्रथम पूज्य गज राज तुम्हारी जय जय हो- प्रेम नारायण मेहरोत्रा, हे शंकर दानी बम भोले -पारंपरिक, जब राम बसे मन में अब चाह ना जीवन में- अशोक हमराही, जैसे आभा नील रतन में- योगेश प्रवीण, कन्हैया तोरी बंसी- योगेश प्रवीण, निराला मुखड़ा निराली चितवन निराली झाँकी दिखा दे मोहन, दुख हरन है राधा नाम- योगेश प्रवीण, राधे राधे बोल- पारंपरिक, ब्रिज बन की लताओं में- पारंपरिक और सीता राम सीता राम बोल गीतों को गाया गया। सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह एवं उपाध्यक्ष एन बी सिंह ने दीप प्रज्वलित करके किया तथा महोत्सव में आए सभी का धन्यवाद और आभार व्यक्त किया।