उजाला सिटी न्यूज़
उत्तर प्रदेश
लखनऊ
07/05/2025
भारतीय मजदूर संघ (BMS) उत्तर प्रदेश ने मनाया 70वां स्थापना दिवस
संगठन ने प्रदेश के दो करोड़ लोगों से संपर्क करने का लक्ष्य रखा
संविदा चालक – परिचालकों की समस्याओ पर हुई चर्चा
लखनऊ, उजाला सिटी न्यूज़। भारतीय मजदूर संघ (BMS) उत्तर प्रदेश ने हाल ही में अपने 70वें स्थापना वर्ष के अवसर पर प्रदेशभर में संगठन विस्तार हेतु महासंपर्क अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत, संगठन ने प्रदेश के दो करोड़ लोगों से संपर्क करने का लक्ष्य रखा है।
कैसरबाग बस स्टेशन प्रांगण में युवा सम्मेलन उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम, स्वास्थ्य विभाग, सेतु निगम, जल निगम, रेलवे, बैंक, नगर निगम एवं श्रम एवं उधम विभाग के युवाओं ने भारतीय मजदूर संघ उत्तर प्रदेश युवा सम्मेलन (अवध सम्भग) में प्रतिभाग कर हर लड़ाई में पूर्ण सहयोग किये जाने का ऐलान किया गया है। युवाओं ने अपने-अपने सम्बन्धित विभाग में निरन्तर हो रही समस्याओं को लेकर भारतीय मजदूर संघ उत्तर प्रदेश को सभी समस्याओं के बारे में अवगत कराया। भारतीय मजदूर संघ उत्तर प्रदेश उक्त विभागों में व्याप्त समस्याओं के निराकरण के लिए कर्मचारी हित में सदैव कार्य करेगा। भारत-पाकिस्तान को लेकर जिस तरीके से भारतीयों के आम जनमानस के साथ जो भी कृत्य पाकिस्तान कर रहा है, जिसके कारण आज युद्ध के हालात है, उसमें भारतीय मजदूर संघ उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ तन-मन से साथ में है और मोदी को जिस जगह पर भारतीय मजदूर संघ की आवश्यकता होगी वहां पर भारतीय मजदूर संघ कंधे से कंधा मिलाकर साथ देने को तैयार है।
भारतीय मजदूर संघ युवा सम्मेलन में विशेष अतिथि प्रशांत भाटिया संयोजक (आरएसएस), हरिशरण मिश्रा अध्यक्ष राज्य कर्मचारी सदस्य, अंजू प्रजापति महिला आयोग सदस्य, राकेश सिंह प्रदेश अध्यक्ष एव, समस्त अतिथियों को पुष्प-गुच्छ मालाओं से सम्मानित किया गया ।
परिवहन निगम, स्वास्थ्य विभाग, सेतु निगम, जल निगम, रेलवे, बैंक, नगर निगम ,श्रम एवं उधम विभाग के युवाओं सहित कैसरबाग डिपो से भारतीय मजदूर संघ के कार्यकारिणी पदाधिकारी सदस्यों को भी सम्मानित किया गया । युवा सम्मेलन कार्यक्रम मुख्य संचलक आमिर जावेद (अध्यक्ष),शिव नारायण (शाखा मंत्री), मनीष द्विवेदी मीडिया प्रभारी सदस्य, रजनीश मिश्रा मीडिया प्रदेश प्रभारी, विनोद कुमार , अशोक कुमार आदि समस्त कार्यकारिणी सदस्य मौजूद रहे ।
कैसरबाग बस स्टेशन प्रांगण में भारतीय मजदूर संघ युवा सम्मेलन में चालक –परिचालकों की मुख्य समस्याओं को उजागर किया गया ।
रोडवेज में परिचालकों के साथ शोषण की शिकायतें कई बार सामने आती रही हैं।
लंबी ड्यूटी घंटों के बावजूद उचित वेतन न मिलना
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ठेके पर काम कराने की व्यवस्था, जिससे उन्हें स्थायी कर्मचारियों जैसी सुविधाएं नहीं मिलतीं
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दैनिक लक्ष्य का दबाव, जिससे मानसिक तनाव बढ़ता है
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प्राकृतिक आपदाओं या बीमारियों में छुट्टी न मिलना या वेतन कटना
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प्रशासनिक स्तर पर भेदभाव या अनुचित व्यवहार
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चालकों का लगातार डीजल रिकवरी की जा रही है ।
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रोडवेज को निजी हाथों मे सौंपा जा रहा है।
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बस स्टेशन पर खराब पड़ी वातानुकूलित सेवा ठप्प ।
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बस स्टेश परिसर में अवैध स्टैंड बनाया जा रहा है ।
महासंपर्क अभियान का उद्देश्य
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य:
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गांव-गांव और उद्योगों तक संगठन की पहुंच बनाना।
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श्रमिकों और मजदूरों में उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाना।
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डिजिटल माध्यमों के जरिए अधिक से अधिक लोगों को भारतीय मजदूर संघ से जोड़ना।
आगामी योजनाएँ
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महासंपर्क अभियान के दौरान, कार्यकर्ता ऐप के माध्यम से श्रमिकों के विवरण एकत्र करेंगे और उन्हें संगठन से जोड़ने का प्रयास करेंगे।
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संविधानिक और आउटसोर्स श्रमिकों के मुद्दों को लेकर आगामी दिनों में और भी कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं।
भारतीय मजदूर संघ (BMS) की स्थापना एक बहुत ही विचारधारात्मक और उद्देश्यपूर्ण पृष्ठभूमि में हुई थी। इसकी स्थापना 23 जुलाई 1955 को दत्तोपंत ठेंगड़ी द्वारा की गई थी, जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के वरिष्ठ प्रचारक और चिंतक थे।
स्थापना की पृष्ठभूमि -
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वामपंथी विचारधारा का प्रभाव:
स्वतंत्रता के बाद भारत में ट्रेड यूनियन आंदोलन पर वामपंथी (कम्युनिस्ट) विचारधारा का गहरा प्रभाव था। इन संगठनों का झुकाव अक्सर विदेशी विचारधाराओं की ओर था और कई बार ये राष्ट्रीय हितों से अलग दिशा में काम करते दिखाई देते थे।
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राष्ट्रीय विचारधारा पर आधारित संगठन की आवश्यकता:
दत्तोपंत ठेंगड़ी ने महसूस किया कि श्रमिकों के कल्याण के लिए एक ऐसा संगठन होना चाहिए जो भारतीय संस्कृति, परंपराओं और राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता दे। इसी सोच से "राष्ट्रीय विचारधारा पर आधारित एक स्वतंत्र श्रमिक संगठन" की नींव रखी गई।
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BMS का गठन:
नागपुर में 23 जुलाई 1955 को भारतीय मजदूर संघ की स्थापना हुई। उसी दिन आरएसएस के संस्थापक डॉक्टर हेडगेवार की जयंती भी होती है, जो इस तिथि के चुनाव का प्रतीकात्मक कारण था।
भारतीय मजदूर संघ (BMS) के वर्तमान कार्य और अभियान (2024–2025):
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महासंपर्क अभियान:
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BMS ने उत्तर प्रदेश सहित पूरे भारत में एक डिजिटल महासंपर्क अभियान चलाया, जिसका उद्देश्य 2 करोड़ से अधिक श्रमिकों से सीधा जुड़ाव करना था।
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पंच परिवर्तन कार्यक्रम:
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BMS ने 70वें स्थापना वर्ष में इन 5 प्रमुख क्षेत्रों में जागरूकता फैलाने का लक्ष्य रखा:
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जल संरक्षण
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जंगल और पर्यावरण रक्षा
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स्वदेशी उत्पादों का उपयोग
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परिवार व्यवस्था को सुदृढ़ करना
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सामाजिक समरसता बढ़ाना
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ठेका और अस्थायी कर्मचारियों के लिए संघर्ष:
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असंगठित और संविदा कर्मियों के लिए स्थायी नौकरी, वेतनमान और श्रमिक अधिकारों की मांग को लेकर लगातार आंदोलन कर रहा है।
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EPFO और पेंशन सुधार की माँग:
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न्यूनतम पेंशन बढ़ाने, PF ब्याज की पारदर्शिता, और रिटायरमेंट उम्र की सीमा पर पुनर्विचार की मांग की जा रही है।
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स्वास्थ्य और सुरक्षा:
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खतरनाक कार्यस्थलों पर काम कर रहे श्रमिकों की सुरक्षा और बीमा योजना को लेकर भी आवाज़ उठाई जा रही है।
BMS की विशेषताएँ:
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यह संगठन गैर-राजनीतिक है, यानी किसी भी राजनीतिक दल से औपचारिक रूप से जुड़ा नहीं है।
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इसका मुख्य उद्देश्य है: "श्रमिकों का सर्वांगीण विकास और राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका को सशक्त करना"।
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BMS आज भारत की सबसे बड़ी ट्रेड यूनियन है — जिसमें करोड़ों सदस्य विभिन्न सरकारी, निजी और असंगठित क्षेत्रों से जुड़े हैं।