वजन घटाने और मधुमेह के लिए दीक्षित जीवनशैली पर अतिथि व्याख्यान

आरएमएलआईएमएस के सामुदायिक चिकित्सा विभाग द्वारा डॉ. आरएमएलआईएमएस के संकाय, कर्मचारियों और जूनियर डॉक्टर के लिए "वजन घटाने और मधुमेह के लिए दीक्षित जीवनशैली" पर अतिथि व्याख्यान आयोजित किया गया।
 
कार्यक्रम का उद्घाटन आरएमएलआईएमएस, लखनऊ के निदेशक प्रो. (डॉ.) सीएम सिंह ने किया। उन्होंने इस तथ्य पर जोर दिया कि "मधुमेह और मोटापा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। शरीर का अधिक वजन और मोटापा टाइप 2 मधुमेह (T2DM) के लिए महत्वपूर्ण जोखिम कारक हैं। 18 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों में आजीवन मधुमेह का जोखिम 7% से बढ़कर 70% हो जाता है जब BMI 18.5 kg/m से बढ़कर 35 kg/m से अधिक हो जाता है। इसी तरह, महिलाओं में आजीवन मधुमेह का जोखिम 12% से बढ़कर 74% हो जाता है। जीवनशैली में बदलाव और वजन घटाने से जोखिम वाली आबादी में मधुमेह की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है।" उन्होंने इस पहल के लिए सामुदायिक चिकित्सा विभाग को बधाई दी।
 
प्रोफेसर (डॉ.) जे.वी. दीक्षित, एक प्रसिद्ध सार्वजनिक स्वास्थ्य शोधकर्ता और मोटापे एवं मधुमेह पर नियंत्रण और उलटने के लिए जीवनशैली में बदलाव के समर्थक मुख्य वक्ता थे। उन्होंने दिन में 2 बार भोजन करने एवं 55 मिनट के भीतर भोजन करने के महत्व पर जोर दिया और बताया कि यह कैसे इंसुलिन के स्राव को नियंत्रित करता है और टाइप 2 मधुमेह के विकास को रोकता है। उन्होंने प्री डायबिटीज और मधुमेह रोगियों के लिए एक आहार योजना भी साझा की।
 
डॉ. मनीष कुमार सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर, सामुदायिक चिकित्सा विभाग इस कार्यक्रम के आयोजन सचिव थे। उन्होंने विस्तार से बताया कि दुनिया भर में टाइप 2 मधुमेह की दर बढ़ रही है। टाइप 2 मधुमेह दृष्टि हानि और अंधेपन, किडनी फेलियर जिसके लिए डायलिसिस की आवश्यकता होती है, दिल के दौरे, स्ट्रोक, अंग विच्छेदन, संक्रमण और यहां तक कि समय से पहले मृत्यु का एक प्रमुख कारण है। भारत में, अनुमान है कि 18 वर्ष से अधिक आयु के 7.7 करोड़ लोग मधुमेह (टाइप 2) से पीड़ित हैं और लगभग 2.5 करोड़ प्रीडायबिटीज हैं। गैर-संचारी रोगों को कम करने के लिए जीवनशैली में बदलाव समय की मांग है।
इस कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और इसकी सराहना की।