उजाला सिटी न्यूज़
उत्तर प्रदेश
लखनऊ
28/01/2025
उजाला सिटी लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर 27 जनवरी 2025 से प्रदेश के सभी जनपदों में बूथ स्तर तक पीडीए पंचायत का आयोजन शुरू हो गया है। यह कार्यक्रम 2027 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनाने और अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाने के संकल्प के साथ अनवरत जारी रहेगा।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने घर-घर पीडीए पर्चा पहुंचाने की अपील करते हुए कहा है कि प्रभुत्ववादियों और उनके संगी-साथियों के लिए बाबा साहेब सदैव से एक ऐसे व्यक्तित्व रहे हैं, जिन्होंने संविधान बनाकर शोषणात्मक-नकारात्मक प्रभुत्ववादी सोच पर पाबंदी लगाई थी। इसीलिए ये प्रभुत्ववादी हमेशा से बाबा साहेब के खिलाफ रहे हैं और समय-समय पर उनके अपमान के लिए तिरस्कारपूर्ण बयान देते रहे हैं।
प्रभुत्ववादियों और उनके संगी-साथियों ने कभी भी बाबा साहेब के सबकी बराबरी के सिद्धांत को स्वीकार नहीं किया क्योंकि ऐसा करने से समाज एक समान भूमि पर बैठा दिखता, जबकि प्रभुत्ववादी और उनके संगी-साथी चाहते थे कि उन जैसे जो सामंती लोग सदियों से सत्ता और धन पर कब्जा करके सदैव ऊपर रहे हैं वो हमेशा ऊपर ही रहें और पीडीए समाज के लोग लोग शोषित, वंचित, पीड़ित हैं वो सब सामाजिक सोपान पर हमेशा नीचे ही रहें। बाबा साहेब ने इस व्यवस्था को तोड़ने के लिए शुरू से आवाज ही नहीं उठाई बल्कि जब देश आजाद हुआ तो संविधान बनाकर उत्पीड़ित पीडीए समाज की रक्षा का कवच के रूप में दिया। आज के प्रभुत्ववादियों और उनके संगी-साथियों के वैचारिक पूर्वजों ने बाबा साहेब के बनाए संविधान को अभारतीय भी कहा और उसे सभ्यता के विरूद्ध भी बताया क्योंकि संविधान ने उनकी परम्परागत सत्ता को चुनौती दी थी और देश की 90प्रतिशत वंचित आबादी को आरक्षण के माध्यम से हक और अधिकार दिलवाया था, साथ ही उनमें आत्मसम्मान और आत्मविश्वास की स्थापना भी की थी।
प्रभुत्ववादियों और उनके संगी-साथी सदैव आरक्षण के विरोधी रहे हैं। सदियों की पीड़ा और आरक्षण दोनों ही पीडीए को एकसूत्र करते हैं, चूंकि बाबा साहेब संविधान और सामाजिक न्याय के सूत्रधार थे। इसीलिए ऐसे प्रभुत्ववादी नकारात्मक लोगों को बाबा साहेब हमेशा अखरते थे। बाबा साहब ने हर एक इंसान को एक मानव के रूप में अपनी पहचान स्थापित करने के लिए आंदोलन में हिस्सा लेने की बात कही भी ओर खुद करके भी दिखाया व तथाकथित उच्च जाति और सामंती शोषण को साहसपूर्ण चुनौती भी दी। बाबा साहेब ही आत्म सम्मान के प्रेरणास्रोत रहे। इसीलिए प्रभुत्ववादियों और उनके संगी-साथी हर बार बाबा साहेब और उनके बनाये सवंधिान के अपमान-तिरस्कार की साजिश रचते रहते हैं जिससे कि पीडीए समाज मानसिक रूप से हतोत्साहित हो जाए और अपने अधिकार के लिए कोई आंदोलन न कर पाये। जब कभी ये बात समझ कर पीडीए समाज आक्रोशित होता है, तो सत्ताकामी ये प्रभुत्ववादी और उनके संगी-साथी दिखावटी माफी का नाटक भी रचते हैं।
अपमान की इस प्रथा को तोड़ने के लिए अब पीडीए समाज के हर युवक, युवती, महिला, पुरूष ने ये ठान लिया है कि वो सामाजिक एकजुटता से राजनीतिक शक्ति प्राप्त करके अपनी सरकार बनाएंगे और बाबा साहेब और उनके संविधान को अपमानित और खारिज करने वालों को हमेशा के लिए सत्ता से हटा देंगे और जो प्रभुत्ववादी और उनके संगी-साथी संविधान की समीक्षा के नाम पर आरक्षण को हटाने मतलब नौकरी में आरक्षण का हक मारने का बार-बार षडयंत्र रचते हैं, उन्हें ही हटा देंगे। उसके बाद ही जाति जनगणना हो सकेगी और पीडीए समाज को उनकी गिनती के हिसाब से उनका हक और समाज में उनकी भागीदारी के अनुपात में सही हिस्सा मिल पायेगा। धन का सही वितरण भी तभी हो पायेगा। हर हाथ में पैसा आएगा। हर कोई सम्मान के साथ सिर उठाकर जी पायेगा और अपने जीवन में खुशियां और खुशहाली को महसूस कर पायेगा। सदियों से पीडीए समाज के जिन चेहरों पर अपमान, उत्पीड़न, दुःख और दर्द रहा है, उन चेहरों पर उज्ज्वल भविष्य की मुस्कान आएगी और फिर उनके घर परिवार बच्चों के लिए सम्मान से जीने की नयी राह खुल जाएगी।
अखिलेश यादव ने कहा कि तो आइए मिलकर देश का संविधान और बाबा साहेब का मान व आरक्षण बचाएं और अपने सुनहरे, नये भविष्य के लिए एकजुट हो जाएं।