लखनऊ, उजाला सिटी। प्रदेश के किसान की फसलों को नष्ट हुए दो दिन से अधिक हो चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई जिम्मेदार उन तक नहीं पहुंचा है। इधर मुख्यमंत्री 24 घण्टे में मुआवजा देने की बात कर रहे हैं, उधर आपदा से जुड़ा कोई भी टोल फ्री नंबर काम नहीं कर रहा है। किसान संकट में है उसकी फसल बरबाद हो चुकी है उसे तुरंत लाभ देने की बजाय पहले सर्वे कराने की और लंबी चौड़ी कागजी कार्यवाही करने की बात की जा रही है। उक्त बातें कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पूर्व मंत्री अजय राय ने कहीं। मीडिया विभाग के चेयरमैन पूर्व मंत्री डॉ0 सी0पी0 राय ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रेस वार्ता में राजधानी के काकोरी ब्लॉक के करझन ग्राम के किसान ( आसाराम रावत, वीरेंद्र रावत, लक्ष्मण यादव ) भी सम्मिलित हुए। किसानों ने अपने साथ नष्ट हुई फसलों ( मटर, आलू, टमाटर, प्याज ) के नमूने भी लेकर आये थे। किसान आसाराम रावत ने भी प्रेसवार्ता को सम्बोधित किया और कहा कि भारी वर्षा एवं ओलावृष्टि से लगभग 80 प्रतिशत तक फसल बर्बाद हो गई है। प्रदेश का किसान त्राहि-त्राहि कर रहा है, सरकार सिर्फ जुमले उछाल रही है। प्रेसवार्ता में आगे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि योगी और मोदी की डबल इंजन की सरकार किसान एवं मजदूर विरोधी है। सरकार अपने बजट में खुद यह दर्शाती है कि उ0प्र0 के लगभग ढाई करोड़ किसानों में से सिर्फ 10 लाख किसानों को मुआवजा मिला था। असल में सच यह है कि ‘‘फसल बीमा’’ के इस खेल में सिर्फ निजी कंपनियों ही फायदा उठा रही हैं। श्री राय ने कहा कि 16 नवंबर 2023 से उ0प्र0 में मनरेगा मजदूरों को उनकी मजदूरी नहीं मिली है। जबकि अधिनियम कहता है कि 15 दिनों के अन्दर मजदूरी खातों में पहुंच जानी चाहिए, ऐसा न होने की दशा में ब्याज देने की बात करता है। मगर ब्याज तो छोड़िए यहां असल का ही पता नहीं है। प्रदेश में 1 करोड़ 50 लाख मनरेगा कार्ड धारक हैं और यदि एक परिवार में औसतन पांच लोग मान लिये जाये तो सरकार की इस संवेदनहीनता से कुल साढे़ सात करोड़ लोग प्रभावित हो रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जब चुनाव सर पर है, ऐन इसी वक्त पर मंत्रिमंडल का विस्तार सिर्फ भाजपा की घबराहट को प्रदर्शित कर रहा है। एक नेता जो प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को अपशब्द कर रहे थे, एक नेता जो अभी चुनाव हारे हैं इन सब लोगों को सिर्फ जातीय संतुलन साधने के लिए मंत्रिमंडल में जगह देना यह बताता है कि भाजपा किस कदर घबराई हुई है।
श्री राय ने कहा कि 400 सीटों का दावा करने वाली भाजपा के नेता चुनाव लड़ने से पीछे हटते दिखाई दे रहे हैं, कोई टिकट वापस कर रहा है तो कोई चुनाव लड़ने से ही मना कर रहा है। यहां तक की डॉ0 हर्षवर्धन जैसे वरिष्ठ नेता ने राजनीति से सन्यास ही ले लिया है।
अजय राय ने कहा कि भाजपा का जो भ्रष्टाचारी चेहरा है वह कल उस समय स्पष्ट हो गया जब स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की हुई सीमा 05 मार्च 2024 तक ‘‘इलेक्ट्रोल बॉन्ड’’ की सूचना देने के लिए 30 जून तक का लंबा समय मांगा। स्पष्ट है कि इस सूचना को वह लोकसभा चुनाव तक छुपाना चाहते हैं। उनके इस कदम से एक बात तो स्पष्ट है कि ‘‘इलेक्ट्रोल बॉन्ड’’ के नाम पर जबरदस्त भ्रष्टाचार हुआ है और अगर यह सूचना बाहर आई तो मोदी सरकार बेनकाब हो जायेगी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आज पुलिस भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष रेणुका मिश्रा को हटा दिया गया है। स्पष्ट है कि योगी जी अपनी नाक के नीचे हुए इस भ्रष्टाचार को स्वीकार रहे हैं और पिछले सात वर्षों से लगातार पर्चा लीक हो रहे को रोकने में खुद को नाकाम पा रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पूर्व मंत्री अजय राय ने कहा कि यह भारत जोड़ो न्याय यात्रा में जननायक राहुल गांधी का दबाव ही था उनके द्वारा इस विषय पर बार-बार सवाल उठाने से दबाव में आज सरकार को अंततः इस भ्रष्ट व्यवस्था के सच को स्वीकारना पड़ा और मुंह छिपाने के लिए ही सही परीक्षाएं निरस्त करनी पड़ी।
प्रेस वार्ता में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष शिव पाण्डेय, मीडिया विभाग के चेयरमैन पूर्व मंत्री डॉ0 सी0पी0 राय, वाइस चेयरमैन मनीष श्रीवास्तव हिंदवी, प्रदेश प्रवक्ता प्रियंका गुप्ता जी मौजूद रही।