उजाला सिटी न्यूज़
उत्तर प्रदेश
लखनऊ
24/12/2024
लखनऊ, उजाला सिटी | मोहम्मद रफी की आवाज में वो जादू था जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है उनकी गायिकी में एक ऐसा जादू था जो दिल को छू जाता था। मुख्य अतिथि के रूप मे यह बातें पूर्व सांसद दाऊद ने कही। उन्होंने कहा कि रफी के जैसा कोई हुआ और ना ही कोई होगा । मोहम्मद रफी का नाम तो हमेशा भारतीय संगीत में अमर रहेगा । उनके गाए हुए गाने आने वाली कई पीढियां तक संगीत प्रेमियों के दिल को छूते रहेंगे । कार्यक्रम का आयोजन मोहम्मद अली साहिल, खुर्शीद खान राजू और बिलाल सहारनपुरी ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अन्तर्राष्ट्रीय शायर वासिफ़ फ़ारूक़ी ने की। इस अवसर पर अतहर नबी ने रफी साहब की यादें ताज़ा करते हुए कहा कि उन्हें इस बात पर फख्र है कि रफी साहब को उन्होंने लखनऊ में बुलाया था और उनकी विनम्रता की बात कहते हुए वह काफी भावुक हो गये। वासिफ़ फारूक़ी ने कहा कि उन्होंने रफ़ी साहब को रू-ब-रू सुना है और उनकी विनम्रता का आलम ये था कि उन्होंने उस वक्त की महफिल में अपने नग़मों से पहले महेन्द्र कपूर के नग़मों को गाया था।
कार्यक्रम में मीडिया फोटोग्राफर्स क्लब की प्रभारी मंजू श्रीवास्तव भी उपस्थित रही।इस मौके पर शहर के संगीत प्रेमियों और रफी साहब के चाहने वालों ने उन्हें दिल से याद करते हुए सुने और केक भी काटा । मोहम्मद रफी साहब के 100वें जन्मदिन पर उमराव जान रेस्टोरेंट एण्ड कैफे, कैसरबाग, लखनऊ के मशहूर सिंगर प्रदीप अली और आकांक्षा ने रफ़ी साहब के सदाबहार गीतों- मुझको मेरे बाद ज़माना ढूंढेगा, याद न आये बीते दिनों की, ये रेशमी जु़ल्फें जैसे अनेक गीतों को सुनाकर महफिल में चार चांद लगा दिये, जिसको उपस्थित जन-समूह द्वारा बेहद सराहा गया। शायर व पूर्व पुलिस अधिकारी मोहम्मद अली साहिल ने कहा कि उन्हें इस बात पर गर्व है कि वह आज जहाॅं दुनिया भर में हर दिल अज़ीज़ सिंगर मोहम्मद रफ़ी साहब का 100वाॅं जन्म दिन मनाया जा रहा है, वहीं लखनऊ को भी उनका जन्म दिन मनाने का गौरव प्राप्त हुआ है। मुम्बई से आये असलम खान ने अपने सम्बोधन में कहा कि एक दौर में जब किशोर कुमार का नज़राना 50 हजार था, तब मात्र 5 हज़ार रूपये में रफी साहब लखनऊ में तशरीफ लाये, इससे रफी साहब की शख्सियत और विनम्रता का अन्दाज़ा लगाया जा सकता है। कार्यक्रम में शायर मलिकज़ादा जावेद, अहमद जमाल, आमिर मुख्तार, अतहर नबी, क़मर अली, अरशद आज़मी, वसीम हैदर, परवेज़ मलिकज़ादा, एड0 सलाउददीन, मेराज हैदर, एड0 आरिफ हाशमी, एड0 अनल्प चन्द्रा, अब्दुल कादिर, अरविन्द सिंह, कलीम अहमद, इरशाद अहमद, अज़ीज़ सिददीक़ी, अब्दुल वहीद, जुबैर अहमद, मुर्तज़ा सिददीक़ी, नूर आलम, अहसन रईस, शकील सिददीक़ी, जुबैर खान, मारिया आलम, आदि लखनऊ की कई बड़ी हस्तियाॅं उपस्थित रहीं। कार्यक्रम का संचालन आर0जे0 अनवारूल हसन ने किया। कार्यक्रम का आयोजन मशहूर शायर व पूर्व पुलिस अधिकारी मोहम्मद अली साहिल, शायर बिलाल सहारनपुरी और खुर्शीद खान राजू के द्वारा किया गया।