लखनऊ, उजाला सिटी। अध्यक्ष सम्पूरन सिंह बग्गा ने बताया कि यू०पी० सिक्ख विचार मंच के विशेष सहयोग से धन-धन साहिब श्री गुरू तेग बहादर जी महाराज के 403वां प्रकाश पर्व के अवसर पर दिनांक 27 अप्रैल को सुबह 9 बजे श्री अखण्ड पाठ साहिब की आरम्भता गुरूद्वारा मानसरोवर में हुई, जिसकी समाप्ति 29 अप्रैल को सुबह 8 बजे हुई। 27 को शाम का दिवान गुरूद्वारा नाका हिण्डोला में सायं 6:30 से 10:30 बजे तक एवं गुरुद्वारा आलमबाग में दिनांक 28.04.2024 को प्रातः 12:00 बजे तक गुरुद्वारा मानसरोवर और यू०पी० सिक्ख विचार मंच के विशेष सहयोग से मनाया गया। अतः 28 और 29 को दोनो ही दिन शाम को 6:30 बजे से रात 11:30 बजे तक कीरतन दिवान सजा।
इस शुभ अवसर पर भाई गुरजिन्दर सिंह जी अमृतसर वाले, भाई राजिन्दर सिंह जी करतारपुर वाले, बीबा कवलजीत कौर जी
मस्कीन शाहबाद मरकंडा वाले ज्ञानी बलदेव सिंह , ज्ञानी हरिन्दर जीत सिंह , हजूरी रागी गुरमुख सिंह, गुरूद्वारा
मानसरोवर वाले ने सभी साध संगतों को गुरवाणी, कीरतन, कथा से निहाल किया। इस अवसर पर गुरुद्वारा साहिब को फूलों,
लाइटों एवं गुब्बारों से सजाया गया। 28 अप्रैल को सायं 6 बजे से 11:30 बजे तक विशेष समागम गुरुद्वारा मानसरोवर में धूमधाम से मनाया गया। बाहर से आये रागी जत्थे संगतों को कथा कीरतन से निहाल किया। जिसमे भाई गुरजिन्दर सिंह अमृतसर वालों ने –
काहे रे बन खोजन जाई, सरब निवासी सदा अलेपा, तोही संग समाई ।।
भाई रजिन्दर सिंह करतारपुर वालों ने-
मन रे कौन कुमत तै लिनी, पर दारा निदंया रस रचयो, राम भगत नह किनी ।। बीबा कंवलजीत कौर मस्कीन ने –
जो नर दुख मै दुख नही मानै। सुख सनेहो अर भै नही जाकै, कंचन माटी मानै ।।
ज्ञानी बलदेव सिंह एवं ज्ञानी हरिन्दर जीत सिंह ने गुरू जी के जीवन पर प्रकाश डाला और गुरू जी के बताये रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित किया। अंत में मुख्य सेवादार सरदार सम्पूरन सिंह बग्गा ने यू०पी० सिक्ख विचार मंच एवं उग्राही सेवा के सेवादारों को गुरू घर का सरोपा देकर सम्मानित किया एवं सभी साध संगतो को गुरू पर्व की बधाई दी। इस अवसर पर गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी के सभी सदस्य इकबाल सिंह, सुरेन्दर सिंह बग्गा, देवेन्दर पाल सिंह, भुपेन्दर सिंह, चरनजीत सिंह छाबड़ा, गगनदीप सिंह बग्गा, परमजीत सिंह चन्दर तथा गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी के सारे सदस्य मौजूद रहे।