राम वनगमन पथ के 290 स्थानों पर श्रीराम स्तंभ लगाए जाएंगे। इन पर चार भाषाओं में पथ की महत्ता व इतिहास को दर्ज किया जाएगा। श्रीराम स्तंभ पर सूर्य, धनुष व शिखर का चिह्न होगा।
जहां-जहां चरण पड़े रघुवर के… ऐसे स्थानों को अब न सिर्फ नई पहचान मिलेगी बल्कि ये पर्यटन का केंद्र भी बनेंगे। राम वनगमन मार्ग के 290 स्थानों पर अशोक सिंहल फाउंडेशन की ओर से श्रीराम स्तंभ लगाने की तैयारी है। श्रीराम स्तंभ हाईटेक होगा, इस पर अंकित क्यूआर कोड को स्कैन करते ही राम वनगमन पथ की पूरी गाथा दिख जाएगी। पहला श्रीराम स्तंभ अयोध्या के पौराणिक मणिपर्वत पर लगाया जाएगा, यह स्तंभ 30 सितंबर तक अयोध्या पहुंच रहा है।
अशोक सिंहल मंदिर आंदोलन के अग्रणी किरदारों में शामिल रहे हैं। अब उनकी संस्था श्रीराम वनगमन पथ की ऐतिहासिकता को जन-जन तक पहुंचाने की तैयारी में है। श्री राम वनगमन मार्ग वह है जहां-जहां प्रभु राम के पद चिन्ह पड़े थे। अयोध्या से रामेश्वरम तक इन मार्गों की खोज की गई है। इन स्थानों पर पूर्णत: पत्थर से निर्मित लगभग 15 फीट ऊंचे अद्भुत और अलौकिक शिलाओं को एक सुंदर स्तंभ के रूप में स्थापित किया जाएगा।