महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा अपने लखनऊ सेंटर – रिसालदार पार्क बुद्ध विहार, लालकुआं

लखनऊ, उजाला सिटी। बुद्ध पूर्णिमा समारोह का भव्य आयोजन किया गया जिसमें दूर दूर से भारी संख्या में बौद्धधर्म के अनुयायी उपस्थित हुए। इस अवसर पर महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा लखनऊ की प्रसिद्ध शिक्षाविद और सिटी मांटेसरी स्कूल समूह,लखनऊ की संस्थापक निदेशक भारती गांधी और ख्यातिलब्ध समाजसेवी तथा उद्योगपति मुरलीधर आहूजा को महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया की मानद सदस्यता का प्रमाणपत्र दिया गया

इस अवसर पर भारती गांधी द्वारा उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान बुद्ध ने सारी मानव जाति को एक सूत्र में बांधा। उनके समानता के विचार को बाबासाहब डॉक्टर आंबेडकर ने भारतीय संविधान में प्राविधानित किया। उन्होंने स्वयं का व्यवाहारिक अनुभव बताते हुए कहा कि बुद्ध के मार्ग पर चलकर ही हम तृष्णा की समाप्ति कर अपने दुखों का अंत कर सकते हैं। उन्होंने परिनिर्वाण प्राप्त जगदीश गांधी से महाबोधि सोसाइटी के पूर्व संबंधों का भी उल्लेख किया।

मुरलीधर आहूजा द्वारा इस अवसर पर सभी बौद्ध अनुयायियों को बुद्ध पूर्णिमा की बधाई देते हुए कहा गया कि आज पूरी दुनिया में अशांति फैली हुई है। यूक्रेन-रूस, ईरान-इजराइल, फिलीस्तीन आदि युद्धों ने मानवता को शर्मसार किया है। ऐसे में भगवान बुद्ध का धम्म ही शांति का मार्ग है।

महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डाक्टर महेंद्र सिंह द्वारा माननीय अतिथियों का अभिनंदन तथा उनको प्रमाणपत्र, भगवान बुद्ध का अनुपम छवि चित्र और 1956 में नागपुर में महाबोधि सोसाइटी द्वारा आयोजित ऐतिहासिक कार्यक्रम विवरणिका की प्रति दी गयी। डॉक्टर महेंद्र सिंह ने भगवान बुद्ध के भवतु सब्ब मंगलम् की अवधारणा के अनुरूप सभी के कल्याण की कामना की।

भिक्खु इंचार्ज भंते ज्ञानालोक ने धम्मपद को उद्धृत करते हुए समस्त मानवों के लिए मंगल मैत्री की कामना की। इस अवसर पर अब्दुल वाहिद जी ने वर्तमान युद्ध के माहौल को मानव जाति के लिए खतरा बताते हुए अमन शांति के लिए बुद्ध की प्रासंगिकता पर बल दिया।

अंत में रिसालदार पार्क बुद्ध विहार की मैनेजमेंट कमेटी के सचिव जय शंकर सहाय द्वारा भगवान बुद्ध के चार आर्य सत्यों और कर्मफल की अवधारणा का ज्ञान और अष्टांगिक मार्ग को अपना कर हम सम्यक और दुःख रहित जीवन जी सकते हैं। यही बुद्ध का अप्प दीपो भव् का सिद्धांत है। उन्होंने बताया कि 1925 में इस ऐतिहासिक बुद्ध विहार की स्थापना हुई थी तथा बाबासाहब लखनऊ प्रवास के समय यहां अवश्य आते थे। अंत में उन्होंने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर महाबोधि सोसाइटी के गवर्निंग बाडी सदस्य आर के सचान, हरेन्द्र कुमार, ऊषा बौद्ध, जयेन्द्र कुमार, डॉ पद्मसिंह, एम पी गौतम, डॉ रामकुमार, डॉ शिशिर आदि उपस्थित थे।

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