ईवीएम व वीवीपैट पर्चियों की गिनती को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत: प्रमोद तिवारी

लखनऊ, उजाला सिटी। उप नेता, राज्य सभा सांसद प्रमोद तिवारी ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ईबीएम की पर्चियों की भी गिनती को लेकर दिये गये महत्वपूर्ण निर्देश का स्वागत करते हुये कहा है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मौजूदा लोक सभा के चुनाव में मतदान के बाद वोटों की गिनती के दौरान ईवीएम के साथ वीवीपैट पर्चियों की भी गिनती के लिए दायर याचिका को गंभीरता से लेते हुए निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी कर जबाब तलब करना लोकतंत्र के लिए शुभ लक्षण है।
 श्री तिवारी ने कहा है कि लोकतंत्र में हर मतदाता को यह संवैधानिक अधिकार है कि उसका मत सुरक्षित रहे। मा. सर्वोच्च न्यायालय के इस कदम से अब यह सुनिश्चित हो सकेगा कि मतदाता अपना वोट किसी को दे तथा गिना किसी के लिए की जाय, ऐसी स्थिति नियंत्रित हो सकेगी।       मा. सर्वोच्च न्यायालय की डबल बेंच द्वारा एक सामाजिक कार्यकर्ता की याचिका पर निर्वाचन आयोग तथा सरकार को नोटिस जारी कर ईवीएम के मुददे पर सम्पूर्ण विपक्ष के उठाए जा रहे सवाल को भी बल मिला है। उन्होने कहा कि ईवीएम में जनता का विश्वास बढ़ाने और चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए वीवीपैट पर्चियों का शत प्रतिशत मिलान कराया जाना चाहिए।
श्री तिवारी ने मा. सर्वोच्च न्यायालय की नोटिस को महत्वपूर्ण कदम बताते हुए यह भी मांग की है कि इसकी सार्थकता के लिए चुनाव शुरू होने से पहले ही इस महत्वपूर्ण याचिका पर निर्णय भी आना चाहिए।
श्री तिवारी ने दिल्ली सरकार की मंत्री सुश्री आतिशी द्वारा किये गये इस खुलासे को भी अत्यन्त गंभीर बताया है जिसमें उन्होंने भाजपा पर स्वयं तथा आप (आम आदमी पार्टी) के चार नेताओं को भाजपा में शामिल होने का अनुचित दबाव बनाए जाने का खुलासा हुआ है। उन्होने कहा कि संविधान की शपथ लेकर सरकार के एक मंत्री ने जिस तरह कहा है कि उनके भाजपा में शामिल न होने पर ईडी और सीबीआई उनके खिलाफ शिकंजा कसेगी यदि ऐसा हुआ तो यह लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक होगा।
श्री तिवारी ने कहा कि लोकतंत्र में सभी राजनैतिक दलों को स्वतंत्र माहौल मिलना चाहिए। यदि सत्तारूढ़ दल के इशारे पर ईडी और सीबीआई तथा इनकम टैक्स लगायी जाएगी तो स्वतंत्र चुनाव का औचित्य भी नहीं होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा के इशारे पर जिस तरह से देश में एक नहीं दो दो मुख्यमंत्रियों की गिरफ्तारी का अलोकतांत्रिक हथकण्डा अपनाया गया है उससे संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए इण्डिया गठबंधन एकजुटता से इस तानाशाही का मुकाबला करने को तैयार है।

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